अकबर बीरबल की 5 कहानियां

Written by Wiki Bharat Team

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कहानियां प्राचीन काल से ही हमारा मार्गदर्शन करती आ रही है और बहुत सी कहानियां हमें जीवन के विभिन्न पहलुओं को समझाती और हमें प्रेरित करती है जिससे हमें अपने लक्ष्य प्राप्त करने में मदद मिलती है। इन कहानियों (Akbar Birbal Stories in Hindi) में अकबर और बीरबल की जोड़ी लोगो एंव बच्चों द्वारा बहुत पसंद की जाती है। अकबर बीरबल की कहानियाँ न केवल मनोरंजन करती हैं, बल्कि इनमें एक संदेश छिपा होता है जो हमारे जीवन को अच्छाई और ज्ञान से परिपूर्ण बनाने की प्रेरणा देता है।

आज इस स्टोरी ब्लॉग लेख में, हम आपको हिंदी में अकबर बीरबल की कुछ प्रसिद्ध कहानियों (Akbar Birbal Stories in Hindi) के बारे में बताएंगे। इन कहानियों के माध्यम से हम आपको अकबर के राजनीतिक दृष्टिकोण, बीरबल की बुद्धिमता और नैतिकता से परिपूर्ण निर्णयों के बारे में ज्ञान प्रदान करेंगे। ये कहानियाँ आपको आनंदित करेंगी और सोचने पर मजबूर करेंगी, साथ ही आपके जीवन में एक सकारात्मक परिवर्तन लाने में मदद करेंगी। 

Best Akbar Birbal Stories in Hindi

इस Akbar Birbal Stories in Hindi ब्लॉग पोस्ट के माध्यम से, हमारी अगली पीढ़ी को इस महान और आदर्शवादी कहानियों को पढ़कर हमारी संस्कृति के मूल्यों को जानने और समझने का अवसर मिलेगा। तो चलिए, इस रोचक और अद्भुत कहानी की दुनिया में अपना सफर शुरू करें और अकबर बीरबल के साथ हमारी भारतीय विचारधारा को समझें।

#1 रंग का राज

Akbar Birbal Stories in Hindi : एक बार बीरबल बादशाह अकबर के दरबार में देर से पहुंचे। उन्होंने देखा कि बादशाह सहित सभी दरबारी हंस रहे हैं। उन्होंने बादशाह से पूछा, ‘बादशाह सलामत, आप सभी क्यों हंस रहे हैं?’

अकबर को मसकरी सूझी। उन्होंने कहा, ‘कोई खास बात नहीं बीरबल, हम लोग अपने रंग के बारे में बात कर रहे थे। जैसे ज्यादातर दरबारी गौरे हैं। मैं स्वयं गौरा हूँ लेकिन तुम्हारा रंग हमसे काला क्यूँ हैं?’

बीरबल भी कम नहीं थे। उन्होंने हमेशा की तरह तुरंत जवाब दिया, हुजुर, ‘आप मेरे रंग का राज नहीं जानते इसलिए ऐसा पूछ रहे हैं।’

बादशाह अकबर ने उत्सुकता से पूछा , ‘कैसा राज बीरबल?’

बीरबल ने बताया, हुजूर माफ़ करें। जब भगवान् ने संसार की रचना की तो पेड़-पौधे, पशु-पक्षी बनाकर संतुष्ट नहीं हुए। उन्होंने फिर मानव बनाया। वे उसे देख बहुत प्रसन्न हुए। उन्होंने फिर सभी मनुष्यों को रूप, बुद्धि तथा धन देने का विचार किया और प्रत्येक को पांच मिनट का समय देते हुए कहा कि वे अपनी रूचि से कुछ भी ले सकते हैं। तो हुजूर मैंने अपना सारा समय बुद्धि इकट्ठी करने में लगा दिया। बाकी चीजों को लेने का समय ही नहीं बचा था। आप सभी ने रूप और धन इकट्ठा करने में सारा समय लगा दिया। अब बाकी के लिए क्या कहूँ? आप ही समझ लीजिये।’

सारे दरबारी बीरबल की बात सुनकर सन्न रह गए। बादशाह अकबर बीरबल की बात समझ गए और उनकी हाजिर जवाबी पर खिलखिला कर हंस पड़े।

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#2 सर्वश्रेष्ठ आयुध

Akbar Birbal Stories in Hindi : एक बार बादशाह अकबर ने बीरबल से सवाल किया, ‘सबसे अच्छा आयुध कौनसा है? खड़ग, भाला, तोप या फिर तलवार?’

बीरबल ने कहा, ‘हुजूर, सभी हथियार अपनी जगह उत्तम है, किन्तु एक ऐसे आदमी के लिए जो समय के अनुसार सही सोच सकता है उसके लिए आयुध कोई समस्या नहीं है। वह अपने तेज दिमाग का प्रयोग कर किसी को भी आयुध की तरह इस्तेमाल कर सकता है।’

बादशाह बोले, ‘यह बकवास है। ऐसा कैसे संभव हो सकता है?’

बीरबल ने कहा, ‘हुजुर, सही समय आने पर सत्य प्रकट हो जायेगा।’

अगले ही दिन अकबर और बीरबल अपने कुछ सिपाहियों के साथ घूमने निकले। उन्होंने कुछ लोगों को घबराये हुए उन्हीं की और भागकर आते हुए देखा। बीरबल ने एक को रोककर भागने का कारण पूछा तो उसने बताया कि राजभवन का एक हाथी जंजीर तोड़कर मार्ग पर आ गया है और रास्ते में आने वालों को मार रहा है। अभी वह इसी तरफ आ रहा है।

तभी हाथी के चिंघाड़ने की आवाज़ सुनाई दी। अकबर ने अपनी तलवार निकाली और इसी के साथ बाकी सभी सेनिको ने भी अपनी-अपनी तलवारें निकाल ली। लेकिन वे सभी जानते थे कि हाथी का सामना इन तलवारों से नहीं किया जा सकता है। सभी असहाय से बीरबल की ओर देखने लगे।

बीरबल उस समय दीवार पर सोयी एक बिल्ली को देख रहे थे। वे धीरे से गए और बिल्ली को पकड़ लाये। जैसे ही हाथी आया उन्होंने बिल्ली को हाथी की पीठ पर फेंक दिया। बिल्ली डर के मारे हाथी की पीठ पर पंजे मारने लगी। हाथी ने उसे ज्यों ही अपनी सूंड से पकड़ना चाहा, वह कूदकर भाग गयी और झाड़ियों में छिप गयी। हाथी उसे पकड़ने के लिए उसके पीछे भागने लगा। इस तरह सभी की जान बच गयी।

अकबर ने बीरबल से कहा, ‘शाबाश बीरबल, तुमने हाथी से रक्षा के लिए एक बिल्ली का आयुध के रूप में उपयोग किया। तुमने बिल्कुल सही कहा था कि हथियार का चुनाव समय और परिस्थिति पर निर्भर करता है।’ यह कहकर उन्होंने मुस्कुराते हुए बीरबल का अभिनन्दन किया।

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#3 बीरबल की खाली थाली

Akbar Birbal Short Stories in Hindi – हम सभी जानते ही है कि बीरबल अपनी बुद्धिमानी की वजह से हमेंशा ही अकबर के चहिते रहे और इसी कारण उनसे सभी मंत्रिगण द्वेष भावना रखते थे।

एक दिन सभी मंत्रिगणों ने मिलकर बीरबल को नीचा दिखाने के लिए एक षड़यंत्र रचा। वे सभी जाकर अकबर से कहने लगे, “जहांपनाह… बीरबल में ऐसा क्‍या है, जो आप हम सभी से ज्‍यादा उसे महत्‍व देते हैं?

अकबर ने प्रत्‍युत्‍तर दिया, “बीरबल अपनी चालाक और तेज बुद्धि के कारण मुश्किल से मुश्किल समस्‍याऐं चुटकियों में हल कर देते हैं। इसीलिए वे आपसे ज्‍यादा माननीय हैं।

जहांपनाह के मुंह से बीरबल के लिए ऐसे वचन सुनकर मंत्रियों को और भी ईर्ष्‍या हो गई और वे सभी बोले, “जहांपनाह… पहले उसकी परीक्षा लेकर तो देखिए।

अकबर ने कहा, “ठीक है।

जहांपनाह अकबर और सभी मंत्रिगणों ने मिलकर एक योजना बनाई। योजना के अनुसार अकबर ने घोषणा करवा दी, “हम सभी दरबारियों के काम-काज से बहुत ही प्रसन्‍न है। इसीलिए कल सभी दरबारियों को उपहार दिया जाएगा। उपहार एक कमरे में रखे होंगे, जिसे जो उपहार पसंद आए वह उसे ले सकता हैं।

दूसरे दिन सभी दरबारीयों ने योजना के अनुसार पहले ही जाकर अपने-अपने पसंद के उपहार ले लिए और जब बीरबल उस उपहार वाले कमरे में पहुँचे तो उन्‍होने देखा कि सारे उपहार लिए जा चुके थे अब केवल एक साधारण सी थाली ही बची थी।

पूर्व योजनानुसार जहांपनाह अकबर व सभी दरबारी बीरबल को नीचा दिखाने के लिए हंसने लगे।

बीरबल, सभी मंत्रिगणों व जहांपनाह अकबर को इस तरह से हंसते हुए देख सारा माजरा समझ गए और वे भी जोरदार ठहाके लगाकर हंसने लगे।

बीरबल को हंसते देख राजदरबार में उपस्थित सभी दरबारियों सहित जहांपनाह अकबर भी स्‍तब्‍ध रह गए।

अकबर से रहा न गया और उन्‍होने पूछा, “बीरबल… आप क्‍यों हंस रहे हो? हम तो आपकी लाचारी पर हंस रहे हैं।

बीरबल ने प्रत्‍युत्‍तर दिया, “जहांपनाह… मैं भी आपकी लाचारी पर हंस रहा हूँ।

जहांपनाह अकबर ने आश्‍चर्य में रहते हुए पूछा, “हमारी लाचारी पर हंस रहे हो, वो कैसे?

बीरबल ने प्रत्‍युत्‍तर दिया, “आपके राज्‍य में इतनी कंगालियत है जो आपने उपहार में ये छोटी सी खाली थाली रख दी। भला कहीं खाली थाली भी कोई उपहार में देता है क्‍या?

यह सुनकर अकबर को शर्मिंदगी महसूस हुई और उन्‍होने अपने खंजाची (Cashier) से कहा, “यह थाली हीरे-जवाहरातों से भर दो।

बीरबल की थाली हीरे-जवाहरातों से भर दी गई और वे मुस्‍कुराते हुए राजदरबार से चल दिए। एक बार फिर बीरबल ने अपनी बुद्धि के बल से सबसे कीमती उपहार पाया जबकि सभी मंत्रिगण वहीं के वहीं मुंह लटकाए खड़े रह गए।

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#4 बुद्धिमान कभी नुकसान में नहीं रहता।

Akbar Birbal Short Stories in Hindi – हम सभी जानते ही है कि बीरबल अपनी बुद्धिमानी की वजह से हमेंशा ही अकबर के चहिते रहे और इसी कारण उनसे सभी मंत्रिगण द्वेष भावना रखते थे।

एक दिन सभी मंत्रिगणों ने मिलकर बीरबल को नीचा दिखाने के लिए एक षड़यंत्र रचा। वे सभी जाकर अकबर से कहने लगे, “जहांपनाह… बीरबल में ऐसा क्‍या है, जो आप हम सभी से ज्‍यादा उसे महत्‍व देते हैं?

अकबर ने प्रत्‍युत्‍तर दिया, “बीरबल अपनी चालाक और तेज बुद्धि के कारण मुश्किल से मुश्किल समस्‍याऐं चुटकियों में हल कर देते हैं। इसीलिए वे आपसे ज्‍यादा माननीय हैं।

जहांपनाह के मुंह से बीरबल के लिए ऐसे वचन सुनकर मंत्रियों को और भी ईर्ष्‍या हो गई और वे सभी बोले, “जहांपनाह… पहले उसकी परीक्षा लेकर तो देखिए।

अकबर ने कहा, “ठीक है।

जहांपनाह अकबर और सभी मंत्रिगणों ने मिलकर एक योजना बनाई। योजना के अनुसार अकबर ने घोषणा करवा दी, “हम सभी दरबारियों के काम-काज से बहुत ही प्रसन्‍न है। इसीलिए कल सभी दरबारियों को उपहार दिया जाएगा। उपहार एक कमरे में रखे होंगे, जिसे जो उपहार पसंद आए वह उसे ले सकता हैं।

दूसरे दिन सभी दरबारीयों ने योजना के अनुसार पहले ही जाकर अपने-अपने पसंद के उपहार ले लिए और जब बीरबल उस उपहार वाले कमरे में पहुँचे तो उन्‍होने देखा कि सारे उपहार लिए जा चुके थे अब केवल एक साधारण सी थाली ही बची थी।

पूर्व योजनानुसार जहांपनाह अकबर व सभी दरबारी बीरबल को नीचा दिखाने के लिए हंसने लगे।

बीरबल, सभी मंत्रिगणों व जहांपनाह अकबर को इस तरह से हंसते हुए देख सारा माजरा समझ गए और वे भी जोरदार ठहाके लगाकर हंसने लगे।

बीरबल को हंसते देख राजदरबार में उपस्थित सभी दरबारियों सहित जहांपनाह अकबर भी स्‍तब्‍ध रह गए।

अकबर से रहा न गया और उन्‍होने पूछा, “बीरबल… आप क्‍यों हंस रहे हो? हम तो आपकी लाचारी पर हंस रहे हैं।

बीरबल ने प्रत्‍युत्‍तर दिया, “जहांपनाह… मैं भी आपकी लाचारी पर हंस रहा हूँ।

जहांपनाह अकबर ने आश्‍चर्य में रहते हुए पूछा, “हमारी लाचारी पर हंस रहे हो, वो कैसे?

बीरबल ने प्रत्‍युत्‍तर दिया, “आपके राज्‍य में इतनी कंगालियत है जो आपने उपहार में ये छोटी सी खाली थाली रख दी। भला कहीं खाली थाली भी कोई उपहार में देता है क्‍या?

यह सुनकर अकबर को शर्मिंदगी महसूस हुई और उन्‍होने अपने खंजाची (Cashier) से कहा, “यह थाली हीरे-जवाहरातों से भर दो।

बीरबल की थाली हीरे-जवाहरातों से भर दी गई और वे मुस्‍कुराते हुए राजदरबार से चल दिए। एक बार फिर बीरबल ने अपनी बुद्धि के बल से सबसे कीमती उपहार पाया जबकि सभी मंत्रिगण वहीं के वहीं मुंह लटकाए खड़े रह गए।

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#5 बहरूपिये के तीन सवाल

Story Of Akbar And Birbal in Hindi – एक दिन बादशाह अकबर अपने दरबार में अपने सहयोगीयों के साथ बैठे थे। राज दरबार लगे काफी समय बित चुका था,लेकिन मिया खुसरू अभी तक राजदरबार में उपस्थित नहीं हुए थे। काफी देर बाद, अचानक मिया खुसरू आए।

बादशाह अकबर ने मिंया खुसरू से पूछा- आपका राज दरबार में देर से आने का कारण क्या है? बताओ नही तो यह राज दरबार की तोहीन समझी जाएगी और इस कारण आप पर जुर्माना लगाया जाएगा।

मिया खुसरू ने कहा- बादशाह मैं राज दरबार के लिए निकला ही था कि रास्ते में एक बहरूपिया मिल गया जिसने मुझसे एक सवाल पूछ लिया, जिसका जवाब मैं न दे सका।

बादशाह अकबर ने कहा- सवाल…कैसा सवाल?

बादशाह उस बहरूपिया ने मुझसे सवाल किया कि- हूर , परी और चुड़ैल में क्या अन्तर है? बताओ नही तो आपको सो मोहरे देनी पड़ेगी।

बादशाह अकबर, मैने काफी समय तक उसके सवाल का जवाब सोचा लेकिन उसका जवाब नहीं दे सका। इसी कारण से मुझे आने में देर हो गई और मुझे सो मोहने भी देनी पड़ी।

बादशाह अकबर ने भी कुछ देर सोचने के बाद बीरबल से पुछा बताओ बीरबल- हूर, परी और चुड़ैल में क्या अन्तर है? 

बीरबल ने कहा- महाराज इस सवाल का जवाब मैं आपको कल बताउंगा।

बीरबल दूसरे दिन राजदरबार आए और अपने साथ एक वेभीचारणी स्त्री और अपनी स्त्री को लेकर दरबार में पहुंचे। राज दरबार लगा हुआ था। बीरबल ने कहा- बदशाह मैं आपके सवाल का जवाब लेकर आया हूं, बस इसमें एक कमी है।

बादशाह अकबर ने कहा- क्या कमी है, बताओ?

बीरबल ने कहा- महाराज आप अपनी बेगम साहिबा को भी  बुलवा लिजीए।

बादशाह अकबर  ने अपनी बेगम साहिबा को बुला लिया।

बीरबल ने कहा- बादशाह आपके सवालो के जवाब यह रहे।

बादशाह ने बहुत ही आर्श्‍चय से पुछा कहां…… कहां है………जवाब?

बीरबल ने कहा- महाराज यह वेभीचारणी स्त्री  है, जो कि हूर है, मतलब जन्नत में मिलने वाली सुंदरी।

दूसरी मेरी पत्नि है, जो सबसे सुंदर है और सर्व सुलभ गुणो से सम्पन है, न कभी गहनों के लिए झगडती है और न किसी बात के लिए मचलती है इसीलिए यह परी है।

तीसरी है, आपकी बेगम साहिबा इनके बारे तो क्या कहने, यह तो खुद आपको ही मालुम होगा। बेगम साहिबा की इच्छा पूरी करते करते आपका दिन का खाना और रात की नींद हराम हो जाती है। यह सुन बेगम साहिबा को बड़ा ही क्रोध आया पर मन कसाैट कर बेगम साहिबा बैठी रह गई। बीरबल का उत्तर को सुन कर  बादशाह बड़े ही खुश हुए और मिया खुसरू से कहा, मिया खुसरू यह रहे उस बह‍रूपिये के सवालों के जबाव।

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