आज हम एक खास कहानी के साथ हैं – “Jaisi Karni Waisi Bharni Story in Hindi”। यह कहानी हमें सिखाती है कि हमारे कर्मों का हमारे जीवन में बहुत महत्व होता है। अगर हम अच्छे कर्म करेंगे, तो हमें अच्छे नतीजे मिलेंगे। इस कहानी के माध्यम से हम समझेंगे कि जीवन में सच्चाई और ईमानदारी सबसे अहम होती हैं। तो चलिए, Jaisi Karni Waisi Bharni Story in Hindi कहानी के माध्यम से कुछ महत्वपूर्ण जिंदगी के सबक सीखे…

Jaisi Karni Waisi Bharni Story in Hindi

आज स्कूल की छुट्टी थी। विकास, आयुष, विविधा, अंकुर और रजत जो कि पड़ौसी थे पास ही के एक पार्क में पकड़म–पकड़ाई खेल रहे थे। पार्क का गेट खुला हुआ था और गाय का एक छोटा सा बछड़ा पार्क के अन्दर आ गया। बच्चे बड़े शैतान थे। सभी उस बछड़े को सताने लगे। कोई उसकी पूँछ खींचने लगा, तो कोई उसके पैर, कोई उसे पास पड़ा डंडा उठाकर मारने लगा। 

बच्चों के ग्रुप में से विविधा जिसे यह सब बहुत बुरा लग रहा था, बार-बार अपने साथियों को यह सब करने से रोक रही थी। वह बोली, ‘किसी निर्दोष जानवर को इस तरह परेशान करना अच्छी बात नहीं है। अगर कोई हमारे साथ ऐसा करे तो हमें कैसा लगेगा ? कितना प्यारा बछड़ा है और कितना छोटा भी। इसे परेशान करके तुम सबको क्या मिलेगा? प्लीज, इसे जाने दो।’

तभी विकास बोला, ‘तू अपना ज्ञान अपने पास रख। डरपोक कहीं की। आई बड़ी हमें अच्छा-बुरा सिखाने।’

यह कहकर विकास बछड़े को मारते हुए उसके पीछे दौड़ने लगा। बाकी बच्चे भी शोर मचाते हुए उसके पीछे हो लिए। विविधा उदास मन से घर आ गयी।

बच्चे दौड़ते-दौड़ते एक सुनसान रास्ते पे आ गए। बछड़ा झाड़ियों की ओट में छिपकर जाने कहाँ निकल गया। शाम हो गयी थी और अँधेरा होने लगा था। चारों बच्चे वापस घर की ओर लौटने लगे। अचानक बहुत सारे कुत्तों का समूह वहां आ गया। बच्चों को देखकर सब कुत्ते भौंकने लगे। बच्चे बहुत ज्यादा डर गए। वे सहम-सहम कर चलने लगे। कुत्तों ने वापस जाने वाले रास्ते को घेर लिया था। बच्चों के पसीने छूटने लगे।

उन्हीं में से आयुष डरते-डरते बोला, ‘हमने आज उस छोटे से बछड़े को बहुत सताया। हमने विविधा दीदी की बात भी नहीं मानी। इसलिए हमारे साथ यह सब हो रहा है। अब हम क्या करेंगे ? ये कुत्ते तो हमें काट खायेंगे।’ और यह कहते-कहते वह जोर-जोर से रोने लगा।

उसे रोता देख सभी का रोना छूट गया। सभी को अपने मम्मी, पापा और घर की याद सताने लगी। कुत्ते भौंकते जा रहे थे और बच्चे डर के मारे एक दूसरे से चिपक कर खड़े हो गए।

तभी सामने से स्कूटर पर विविधा के पापा आते दिखाई दिए। बच्चों की जान में जान आ गयी। रोते-बिलखते बच्चों और कुत्तों को देख उन्होंने स्कूटर रोका और सब कुत्तों को डराकर भगा दिया। जब सब कुत्ते भाग गए तो बच्चों ने राहत की सांस ली और दौड़कर वे विविधा के पापा से लिपट गए।

‘अंकल आपका बहुत-बहुत शुक्रिया। आज आप ना होते तो पता नहीं हमारा क्या होता।’ रजत ने अपने आंसू पौंछते हुए कहा।

‘कुछ नहीं होता। हाथों में पत्थर लेकर तुम उन्हें भगा सकते थे। सामान्यतया वे हम इंसानों को नहीं काटते। हाँ कभी-कभी खतरा होता है। खैर! अब चिंता की कोई बात नहीं है। अब सब ठीक हो गया है, लेकिन तुम सब यहाँ इस सुनसान रास्ते पर क्या कर रहे हो?’ विविधा के पापा ने पूछा।

बच्चों ने सारी बात अंकल को बताई और अपनी गलती पर बहुत पछतावा भी जताया।

अंकल ने कहा, ‘बच्चों! यह जरुरी नहीं कि तुमने बछड़े को परेशान किया इसलिए तुम्हारे साथ ऐसा हुआ। यह कभी भी हो सकता है। लेकिन हाँ, यह बात समझना बहुत जरुरी है कि जैसा तुम अपने साथ नहीं चाहते, वैसा तुम्हें दूसरों के साथ भी नहीं करना चाहिए। उस बछड़े को भी तुम लोगों से ऐसा ही डर लगा होगा जैसा अभी तुम्हें इन जानवरों से लग रहा था।

अपने से निर्बल की हमें हमेशा रक्षा करनी चाहिए। हम मनुष्य सबसे समझदार और बुद्धिमान प्राणी माने जाते हैं तो कम से कम हम से तो यही अपेक्षित है। आज जो हुआ उसे एक सबक की तरह याद रखो और अब आगे से किसी भी मासूम को परेशान मत करना, और कोई तुम्हें परेशान करे तो भी इतना घबराने की जरुरत नहीं। हिम्मत और समझदारी से परिस्थति का सामना करो। बाकी हमेशा कोई ना कोई रास्ता निकल ही आता है।’

सभी बच्चों ने अंकल से वादा किया कि वे आगे से ऐसा कभी नहीं करेंगे।

‘चलो अब सब घर चलते हैं।’ अंकल ने कहा।

‘हाँ-हाँ अंकल जल्दी चलिए। हमें विविधा दीदी से माफ़ी भी मांगनी है।’ अंकुर बोला।

और सभी ख़ुशी-ख़ुशी घर के लिए रवाना हो गए।

Jaisi Karni Waisi Bharni Story in Hindi : कहानी से सीख

सहानुभूति: हमें हमेशा दूसरों के साथ सहानुभूति और करुणा दिखानी चाहिए क्योंकि जब हम दूसरों को परेशान करते हैं, तो हमें यह महसूस करना चाहिए कि उन्हें कैसा लगता है।

गलतियों से सीख: बच्चे जब परेशानी में पड़े, तो उन्होंने अपनी गलतियों से सीख ली और उन्होंने वादा किया कि वे आगे से ऐसा नहीं करेंगे। हमें भी अपनी गलतियों से सीखना चाहिए और उन गलतियों को कभी भी नहीं दोहराना चाहिए। 

दूसरों की सुरक्षा: हमें दूसरों की सुरक्षा का ख्याल रखना चाहिए, जब हम किसी को परेशान करते हैं, तो उनकी सुरक्षा पर खतरा हो सकता है।

बुद्धिमानी: हमें स्थितियों का सामना करने में बुद्धिमानी से काम लेनी चाहिए। हमें परेशानी के समय ठीक तरीके से प्रतिक्रिया देनी चाहिए और हमेशा दूसरों की मदद करनी चाहिए।

अनुशासन: हमें सही और गलत की पहचान करना चाहिए और किसी के साथ दुरुपयोग करने वालों को अनुशासन में लाना चाहिए।

इस कहानी के माध्यम से हमें मानवता और सहानुभूति के महत्व को समझाया गया है, और हमें यह याद दिलाया गया है कि हमें अपने कार्यों की जिम्मेदारी लेनी चाहिए।

निष्कर्ष 

तो दोस्तों, “Jaisi Karni Waisi Bharni Story in Hindi” कहानी से हमने यह सिखा कि हमें हमेशा अच्छे कर्म करने की कोशिश करनी चाहिए। अगर हम अच्छे कर्म करेंगे, तो हमें अच्छे नतीजे मिलेंगे। यह हमें याद रखना चाहिए कि सच्चाई और ईमानदारी कभी नहीं हारती हैं। हमें हमेशा सही रास्ते पर चलना चाहिए और दुनिया के साथ अच्छा व्यवहार करना चाहिए। तो चलिए, हम सभी अच्छे कर्मों के माध्यम से अपने जीवन को खुशहाली और सफलता की ओर बढ़ाते हैं।

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