5 अनोखी लघु कहानियां

Written by Wiki Bharat Team

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स्वागत करते हैं हमारे इस स्टोरी ब्लॉग पोस्ट पर, जहाँ हम आपके लिए हिंदी में छोटी कहानियाँ (Short Stories in Hindi) लेकर आए हैं। ये कहानियाँ बहुत ही सरल भाषा में हैं, ताकि हर कोई इन्हे आसानी से समझ सके। हमें यकीन है कि ये कहानियाँ आपको पसंद आयेगी और प्रेरणादायक लगेंगी। तो बस, इस मनोहारी यात्रा में 5 अनोखी लघु कहानियों (5 Short Stories in Hindi) का सफर शुरू कर सकते है। 

कहानियाँ हमारे जीवन के रंग-बिरंगे पलों को अहसास कराने एक माध्यम हैं। क्योंकि कहानियां छोटे-मोटे वाक्यांशों के माध्यम से हमें व्यक्तित्व, समय, परिवर्तन और जीवन के महत्वपूर्ण सबक सिखाती हैं। हर कहानी एक संदेश और अवधारणा के साथ आती है, जो हमारे जीवन में प्रेरणा का स्रोत बनता है। तो चलिए कहानियों के इस खूबसूरत सफर की शुरुआत कर सकते है…..

Moral Short Stories in Hindi

हिंदी भाषा की सरलता और सुंदरता के साथ-साथ, इन कहानियों को आपके साथ शेयर करने का गर्व महसूस हो रहा है। हमने इस ब्लॉग कई छोटी कहानियाँ दी हैं। इनमें हर एक कहानी एक संदेश लेकर आती है।

इस Short Stories in Hindi ब्लॉग पोस्ट के माध्यम से, हम आपके साथ हिंदी भाषा के सुंदरता का आनंद लेने और छोटी कहानियों के माध्यम से आपकी सोच, भावनाओं और जीवन दृष्टिकोण को प्रभावित करने का उद्देश्य रखते हैं। हमें विश्वास है कि ये कहानियाँ आपको नई सोच, प्रेरणा और आनंद प्रदान करेंगी। तो बिना वक्त गवाये, आइए इन छोटी कहानियों (Short Stories in Hindi) के साथ एक सफ़र पर निकलते हैं और हिंदी भाषा के साथ गहराईयों में खो जाते हैं। तो चलिए शुरू करते हैं!

#1 बुराई का जड़ से खात्मा 

Short Stories in Hindi : एक बार चाणक्य अपने शिष्यों के साथ सम्राट चन्द्रगुप्त से राजकाज सम्बन्धी कार्यों के लिए मिलने जा रहे थे. रास्ते में एक मैदान था जिसमें एक विशेष प्रजाति कुश नामक घास उगी हुई थी. चाणक्य जब उस मैदान से गुजर रहे थे तब कुश का तीखा और नुकीला सिरा उनके पांव में चुभ गया. उनके मुंह से आह निकल गयी. 

चाणक्य ने नीचे झुककर उस घास को देखा और फिर अपने शिष्यों से कुदाल मंगवाई और फिर स्वयं अकेले ही अपने हाथों से मैदान की सारी घास को उखाड़ना शुरू कर दिया. जब सारी घास उखड़ गयी तो चाणक्य ने कुश घास की जड़ों को भी निकालकर जला दिया. तत्पश्चात उन्होंने अपने शिष्यों से मठ्ठा (कच्चा घी जो छाछ बिलो कर निकाला जाता है) मंगवाया और सारी जमीन को उससे सींच दिया ताकि कुश फिर कभी ना पनप सके और किसी राहगीर को कष्ट ना पहुंचा सके. 

यह सब देखकर एक शिष्य ने जिज्ञासावश चाणक्य से पूछा, ‘ गुरूजी, इस नुकीली घास को निकालने के लिए आपने खुद इतनी मेहनत क्यों की ? आपने हमें आदेश दिया होता, हम शीघ्र ही यह कार्य कर देते. ‘ 

चाणक्य यह सुनकर मुस्कुराये और बोले, ‘ तुम सबको एक शिक्षा देने के लिए ही मैंने यह कार्य स्वयं किया है. यह करके मैं तुम सबको यह सिखाना चाहता हूँ कि बुराई को हमेशा जड़ से खत्म किया जाना चाहिए. जब तक हम ऐसा नहीं करेंगे तो बुराई कभी ना कभी किसी ना किसी को अपनी चपेट में लेती ही रहेगी. इसलिए बुराई को सिर्फ दूर नहीं करना चाहिए बल्कि इसे जड़मूल से समाप्त कर देना चाहिए, ताकि यह वापस कभी ना पनप सके.’ 

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#2 सांसारिक बंधन 

Short Stories in Hindi : एक बार की बात है. एक व्यक्ति मथुरा से गोकुल जाने को निकला. इसके लिए उसे यमुना नदी को नाव में बैठकर पार करना था. वह व्यक्ति भांग के नशे में था. वह नौका में बैठा और चप्पू चलाने लगा. उसे लगा थोड़ी देर में वह गोकुल पहुँच जाएगा. उस व्यक्ति ने सारी रात नाव चलायी. सुबह उजाला होने पर देखा तो उसे मथुरा जैसा ही शहर दिखाई पड़ा. उसने किसी से पूछा, ‘यह कौनसा शहर है ?’ जवाब मिला , ‘मथुरा.’ 

अब उस व्यक्ति का नशा उतरने लगा और उसे अपनी गलती का अहसास हुआ. उसने सारी रात नौका तो चलायी लेकिन नौका जो कि घाट के साथ एक रस्सी से बंधी हुई थी उसे तो खोला ही नहीं. इसी तरह सांसारिक बंधन है, जिन्हें खोलकर ही संसार सागर से पार पाया जा सकता है. 

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#3 निंदक और चापलूस 

Short Stories in Hindi : एक सभा में राजा ने सभी विद्वानों से प्रश्न किया, ‘ दुनिया में सबसे तेज कौन काटता है ?’ किसी का जवाब था, ‘डांस मच्छर’ , किसी ने कहा, ‘ मधुमक्खी’ , किसी ने ‘बिच्छू’ तो किसी ने ‘सांप’ का नाम लिया. लेकिन राजा किसी भी जवाब से संतुष्ट नहीं हुआ. उसने अपने मंत्री की ओर संकेत किया तो मंत्री ने कहा, ‘ महाराज, दुनिया में दो तरह के व्यक्ति सबसे तेज काटते हैं. एक निंदक और दूसरा चापलूस. निंदक पीछे से काटता है जिसके काटने से मनुष्य की आत्मा तिलमिला जाती है और चापलूस आगे से काटता है, जिसके काटने से मनुष्य अपने होशो हवास खो बैठता है.

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#4 चालाक बंदर

Short Stories in Hindi : किसी नदी के किनारे एक बहुत बड़ा पेड़ था। उस पेड़ पर एक बन्दर रहता था। उस पेड़ पर बहुत ही मीठे फल लगते थे। बन्दर उन्हें भरपेट खाता था और मौज उड़ाता था। उस बन्दर के अकेले में बहुत ही अच्छे दिन बीत रहे थे।

एक दिन एक मगरमच्छ नदी में से उस पेड़ के किनारे आ गया। बन्दर के पूछने पर उसने बताया कि वो वहाँ खाने की तलाश में आया है। बन्दर ने उस मगरमच्छ को पेड़ से बहुत सारे मीठे फल तोड़कर खाने के लिए दिए ! इस तरह उन दोनों की दोस्ती हो गई। अब तो मगरमच्छ रोज रोज वहाँ आता और बन्दर के साथ मिलकर खूब फल खाता। बन्दर भी एक दोस्त पाकर बहुत खुश था।

एक दिन बातों-बातों में मगरमच्छ ने बन्दर को अपनी पत्नी के बारे में बताया जो नदी के दूसरी तरफ रहती थी। यह सुनकर बन्दर ने बहुत सारे मीठे फल मगरमच्छ को उसकी पत्नी के खाने के लिए दिए। अब तो मगरमच्छ रोज मन भरकर फल खाता और अपनी पत्नी के लिए साथ लेकर जाता। मगरमच्छ की पत्नी को फल खाना तो बहुत अच्छा लगता था लेकिन उसका रोज-रोज घर देरी से आना पसंद नहीं था।

एक दिन मगरमच्छ की पत्नी ने मगरमच्छ से कहा कि अगर वह बन्दर रोज-रोज इतने मीठे फल खाता है तो उसका कलेजा कितना मीठा होगा। मुझे उसका कलेजा खाना है। मगरमच्छ ने उसे बहुत समझाया लेकिन उसकी पत्नी नहीं मानी।

अगले दिन मगरमच्छ दावत के बहाने बन्दर को अपनी पीठ पर बैठकर अपने घर ले जाने लगा। नदी के बीच में उसने बन्दर को अपनी पत्नी की कलेजे वाली बात बता दी। यह सुनकर बन्दर ने बताया कि वो तो अपना कलेजा पेड़ पर ही छोड़ आया है। वह उसे पेड़ पर संभाल कर रखता है, इसलिए उन्हें वापिस जाकर कलेजा लाना होगा। 

मगरमच्छ बन्दर को पेड़ पर वापिस ले गया। जैसे ही वो पेड़ के पास पहुंचे, बन्दर छलांग मारकर पेड़ पर चढ़ गया और हँसकर बोला “घर वापिस चले जाओ मुर्खराजा और अपनी पत्नी से कहना कि तुम इस दुनिया के सबसे बड़े मुर्ख हो। भला कोई अपना कलेजा अपने शरीर से निकालकर अलग रखा सकता है क्या “। और इस तरह बन्दर ने अपनी चालाकी से अपनी जान बचा ली।

सीख : इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि मुसीबत के समय हमें अपनी चतुराई से काम करना चाहिए।

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#5 व्यक्तित्व की निशानी

Short Stories in Hindi : एक बार मुंबई शहर मैं एक वृद्ध महिला एक सड़क के बीच में चल रही थी।

इससे यातायात में बहुत व्यवधान हो रहा था जब उसे यह बताया गया कि उसे सड़क के किनारे नहीं चलना चाहिए तो उसने जवाब दिया कि वह स्वतंत्र है ।

जहां चाहे चल सकती हैं। परंतु प्रश्न यह उठता है कि कारें एवं गाड़ियां सड़क किनारे या पगडंडी पर चलती तो कितनी अव्यवस्था होती ।

इसलिए अपनी स्वतंत्रता को महत्व देने के साथ- साथ अन्य लोगों की स्वतंत्रता का भी ध्यान रखना चाहिए। स्वतंत्रता केवल किसी व्यक्ति की स्वयं की चीज नहीं है।

व्यक्ति को बहुत से संदर्भ में उसके मन की करना चाहिए परंतु बहुत से संदर्भ ऐसे होते हैं जिसमें उसे उसकी स्वतंत्रता से ज्यादा दूसरों की स्वतंत्रता का ध्यान रखना चाहिए पुलिस टॉप एक व्यक्ति के अधिकार से ज्यादा दूसरों के अधिकार का भी महत्व होता है।

छोटी छोटी चीजों में हमें अन्य लोगों की सुविधा का ध्यान रखना आवश्यक है। यही अच्छे व्यक्तित्व की निशानी है।

हमें आशा है कि ये कहानियां आपके लिए उपयोगी और ज्ञानवर्धक रही होगी, इसलिए हम उम्मीद करते है कि इन कहानियों को अपने दोस्तों तक भी अवश्य शेयर करे। इसके अलावा अगर आपका कोई सबाल है तो आप हमें नीचे कमेंट बॉक्स में पूछ सकते है। 

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