SIP Meaning in Hindi

SIP Meaning in Hindi

Author: Wiki Bharat Team

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SIP Meaning in Hindi : हर एक निवेशक समय के साथ अमीर बनना चाहता है, हालांकि लॉन्गटर्म में निवेश करने बाले कुछ ही निवेशक अपने लक्ष्य तक पहुंच पाते है। लॉन्गटर्म के लिए निवेश करने का सबसे बेहतर तरीका है एसआईपी निवेश नीति को अपनाना। इसलिए आज हम SIP Meaning in Hindi लेख में समझेंगे कि एसआईपी क्या है, इसकी विशेषताऍ और यह कैसे काम करता है। 

ऐसे निवेशक जो एसआईपी के माध्यम से निवेश करते है वह प्रक्रिया के बीच में ही हार मान लेते है जिससे वह अपने लक्ष्य तक नहीं पहुंच पाते है। अगर आप लंबी अवधि के लिए निवेश कर अपने फाइनेंसियल लक्ष्यों तक पहुंचना चाहते है, तो आपको हमेशा इन 3 गुणों का पालन करना चाहिए:

  • Commitment
  • Discipline
  • Willingness

एक बार जब आप अपनी फाइनेंसियल जीवन में इन 3 मूल्यों का पालन करना शुरू कर देते हैं, तो आप देखेंगे कि आपका पैसा समय के साथ धीरे – धीरे बढ़ता जा रहा है। 
सबसे पहले हम SIP Meaning in Hindi में एसआईपी क्या है समझते है :

एसआईपी क्या है?

SIP =  Systematic Investment Plan / व्यवस्थित निवेश योजना

SIP (Systematic Investment Plan) एक ऐसी योजना है जिसमें आप एक बार में अधिक निवेश करने के बजाय हर महीने नियमित निवेश करते हैं। म्यूचुअल फंड में निवेश करने का अंतराल हर दिन, हर सप्ताह या हर महीने हो सकता है। SIP के माध्यम से आप शेयर मार्केट, म्यूचुअल फंड और गोल्ड ETF में निवेश कर सकते हैं। SIP के जरिए शेयर मार्केट में छोटी राशि को नियमित तौर पर म्यूचुअल फंड द्वारा निवेश करना सबसे बेहतर और आसान माना जाता है।

यदि आपके पास शेयर मार्केट में निवेश करने के लिए 60,000 रुपये हैं और आप इस पैसे को एक बार में निवेश करने से डरते हैं, तो SIP आपके निवेश को थोड़े थोड़े इंटरवल में बाँट देता है। इससे आपको पूरे पैसे को एक ही बार में इनवेस्ट करने की जरूरत नहीं होती है। यदि आप SIP के माध्यम से म्यूचुअल फंड में पैसे निवेश करते हैं, तो आपको आगे चलकर अच्छे रिटर्न की संभावना होती है।

आप इसे भी पढ़े शेयर मार्केट क्या है? और 7 स्टेप्स में समझे, शेयर मार्केट में पैसे कैसे लगाएं?

SIP (Systematic Investment Plan) के जरिए आप महीने के शुरुआत में अपनी आर्थिक स्थिति के अनुसार निर्धारित मात्रा में निवेश कर सकते हैं। यदि आप अपने पैसे को निरंतर निवेश करते हैं, तो आपकी निवेश संख्या बढ़ती है और इससे आपके दौरे कम होते हैं।

आपको SIP में हर महीने कम से कम 500 रुपये का निवेश करना चाहिए। यदि आप किसी महीने में निवेश नहीं करते हैं तो आपके निवेश का इंतजार म्यूचुअल फंड कंपनी अगले महीने तक करती है। यदि अगले महीने भी निवेश नहीं किया जाता है तो आपका SIP खाता बंद कर दिया जाता है।

अभी आप SIP Meaning in Hindi को अच्छे से समझ गए होंगे, कि एसआईपी क्या है तो अभी समझते है कि एसआईपी की शुरुआत कैसे करे?

SIP की शुरुआत कैसे करे?

म्यूचुअल फंड में निवेश करने के लिए पहले आपको Know Your Customer (KYC) करना आवश्यक है। जब भी आप किसी भी म्यूचुअल फंड के साथ निवेश की शुरुआत करते है तो वह म्यूचुअल फंड कंपनी आपसे KYC के लिए बोलती है जिसके लिए वह आपसे कुछ Documents की मांग करती है जैसे पैन कार्ड, पता, पासपोर्ट साइज फोटो, कैंसिल चेक आदि।

अब आप किसी भी म्यूचुअल फंड कंपनी की वेबसाइट पर जाए, जिसके माध्यम से आप अपना पैसा निवेश करना चाह रहे है वहां पर जाएँ और SIP आवेदन फॉर्म भरे। 

KYC की प्रक्रिया के दौरान आपको सभी आवश्यक निजी जानकारी देनी है जिसमें नाम, पता, मोबाइल नंबर, ईमेल और दस्तावेज अपलोड करना भी शामिल है। 

KYC प्रक्रिया को आप दो तरह से पूरा कर सकते है जो इस प्रकार है :

in-person verification को पूरा करे… 

जिस Mutual Fund कंपनी के साथ आप खाता खोल रहे है उसके साथ आपको वीडियो कॉल के लिए अपॉइंटमेंट schedule करनी है जिससे कि वह सही व्यक्ति की पहचान कर सके। इस प्रक्रिया के दौरान आपको वीडियो कॉल पर आपा  PAN card और address proof भी दिखाना होगा। 

इसके अलावा एक अन्य विकल्प भी है जिसके माध्यम से आप in-person verification को पूरा कर सकते है। 

आसान तरीका : आधार कार्ड की मदद से

  • आधार नंबर दर्ज करे। 
  • आधार कार्ड पर लिंक मोबाइल नंबर पर भेजा गया वन-टाइम पासवर्ड दर्ज करें।
  • वन-टाइम पासवर्ड दर्ज करने के बाद, आपकी सभी जानकारी अपने आप ही भर जायेगी। 
  • यह सब पूरा होने के बाद आपको वीडियो कॉल के माध्यम से सत्यापन की कोई आवश्यकता नहीं होगी। 

एक बार जब आपकी KYC प्रक्रिया पूरी हो जाती है तब आप SIP के माध्यम से Mutual Fund में निवेश शुरू कर सकते है।

इक्विटी एसआईपी की विशेषताएं

इक्विटी एसआईपी की कुछ निम्नलिखित विशेषताएं है जो इस प्रकार है:

  • एसआईपी के जरिए बहुत कम पैसो के साथ निवेश की शुरुआत की जा सकती है। 
  • एसआईपी माध्यम से कोई भी आसानी से निवेश कर सकता है क्योकि यह प्रक्रिया बहुत सरल होती है। 
  • SIP में आप किसी भी समय अपनी SIP से बाहर निकल सकते है या रोक सकते है। 
  • एसआईपी के माध्यम से निवेश करना, स्टॉक में मुकाबले कम जोखिमभरा है। 
  • एसआईपी के माध्यम से आपका पैसा धीरे – धीरे एक बहुत बड़ी इन्वेस्टमेंट में बदल जाता है जो कि आपको बहुत अच्छा रिटर्न सकता है।

एसआईपी के प्रकार

एसआईपी के माध्यम से दो तरीके से निवेश किया जा सकता है:

राशि आधारित एसआईपी: इसकी गणना एसआईपी राशि को मार्केट प्राइस प्रति शेयर से विभाजित करके की जाती है। यह एक तरह का एसआईपी है जहां-निवेशक द्वारा तय की गई राशि को एक विशिष्ट समय अवधि के लिए निवेश किया जाता है। 

क्वांटिटी आधारित एसआईपी: यह एक ऐसा एसआईपी का प्रकार है जहां-निवेशक द्वारा तय की गई एक निश्चित समय अवधि के लिए निश्चित मात्रा में शेयर खरीदे जाते हैं।

एसआईपी कैसे काम करती है?

एसआईपी स्टॉक मार्केट में निवेश करने का एक आसान तरीका है। यह निवेशकों को व्यवस्थित तरीके से स्टॉक्स खरीदने की अनुमति देता है। जो निवेशक लंबी अवधि के लिए निवेश करना चाहते है यह उनके लिए सबसे अच्छी निवेश रणनीति है क्योंकि यह आपको अनुशासित निवेश योजना के साथ धीरे – धीरे आपके निवेश को बढ़ाती है।

एसआईपी किसी स्टॉक को हाई प्राइस पर खरीदने के जोखिम से बचने में भी मदद करता है, जिससे आप एक निवेशक के रूप में एक साथ पैसा लगाकर निवेश करने के बजाय धीरे – धीरे प्रति महीने अपना पैसा निवेश करते है। 

यह आदर्श रूप से लंबी अवधि के निवेशकों के लिए हैं, जो धीरे – धीरे उन्हें अमीरी के करीब लेकर जा सकता है। एक बात हमेशा ध्यान रखे कि स्टॉक का चुनाव हमेशा कंपनी के फंडामेंटल के आधार पर किया जाना चाहिए। 

अभी तक आप SIP Meaning in Hindi लेख में एसआईपी क्या है और एसआईपी कैसे काम करती है समझ गए होंगे, अभी हम समझते है कि एस आई पी में निवेश करने के क्या फायदे है:

एस आई पी के फायदे / Benefits of SIP 

एसआईपी के माध्यम से निवेश करने ये 4 फायदे हैं जो आपको लंबे समय में वेल्थ बनाने में मदद करेंगे:

1) छोटी राशि के साथ निवेश की शुरुआत 

एसआईपी के माध्यम से आप प्रत्येक महीने 500 रुपये की छोटी राशि के साथ निवेश शुरू कर सकते हैं और इसे धीरे – धीरे बढ़ते हुए देख सकते हैं। एक एसआईपी न केवल वेल्थ बनाकर देता है, बल्कि आपको अधिक बचत भी कराता है।

2) अनुशासित निवेश

स्टॉक एसआईपी करने का एक लाभ यह है कि यह आपको अनुशासित तरीके से निवेश करना सिखाता है। स्टॉक एसआईपी करने से आपको बार – बार निवेश करने की आदत से छुटकारा मिल जाएगा, क्योंकि हर महीने आपके बैंक खाते से आटोमेटिक रूप से एसआईपी कट जाएगी। 

इसके अलावा, बैंक में अपना सारा पैसा रखने से आपको ज्यादा से ज्यादा 4% तक रिटर्न मिल सकता है लेकिन इस पैसे से आप हर महीने शेयरों में एक छोटी राशि का निवेश कर सकते हैं और संभावित रूप से लंबे समय में अच्छे रिटर्न अर्जित कर सकते हैं।

3) स्टॉक मार्केट को समय देने की जरूरत नहीं

इसका तीसरा फायदा यह है कि आपको स्टॉक मार्केट की टाइमिंग के बारे में चिंता करने की जरूरत नहीं है।

अगर आप खुद से स्टॉक मार्केट में निवेश करते है तो समय बहुत अहम् भूमिका निभाता है क्योंकि यदि आप किसी स्टॉक में निवेश करना चाहते है तो सही स्टॉक और सही समय पर निवेश करना होता है तभी आप रिटर्न की उम्मीद कर सकते है। 

लेकिन स्टॉक एसआईपी के साथ, यह समय की समस्या पूरी तरह से हल हो जाती है क्योंकि जब स्टॉक की प्राइस अपने शीर्ष पर होती है, तो आप कम क्वांटिटी खरीद रहे होते हैं, और मार्केट जब नीचे हो तो आप ज्यादा क्वांटिटी में खरीद रहे होते है जिससे आपको एक औसत प्राइस पर स्टॉक मिल जाते है। 

4) अधिक रिटर्न

एफडी या बैंक स्कीम की तुलना में , एसआईपी दोगुना रिटर्न प्रदान करता है। यह आपको बढ़ते इन्फ्लेशन से लड़ने में मदद करती है और लम्बी अवधि में आपको एक वेल्थ बना कर देती है। ऐसा देखा गया है कि औसतन एक म्यूच्यूअल फंड आपको 15 – 20% रिटर्न प्रदान करता है और कभी – कभी तो इससे भी ज्यादा होता है। 

5) कंपाउंडिंग की शक्ति

एसआईपी में निवेश चक्रवृद्धि ब्याज के सिद्धांत पर काम करता है। दूसरे शब्दों में, लंबे समय के लिए निवेश की गई छोटी राशि एकमुश्त निवेश की तुलना में बेहतर रिटर्न प्राप्त करती है।

अभी हम SIP Meaning in Hindi लेख में देख चुके है कि एसआईपी के क्या फायदे है, इसलिए अभी हम यह समझने की कोशिश करते है कि एसआईपी में निवेश कैसे करें?

एस.आई.पी के नुकसान / Disadvantages of SIP

यदि आप 1 या 2 साल के लिए SIP में निवेश करते हैं तो आपको शायद अच्छा रिटर्न नहीं मिलेगा। इसलिए यदि आपने NSE मार्केट के उच्च स्तर पर SIP प्लान शुरू किया है और अगले 1 या 2 सालों में यह मार्केट कम हो जाता है तो आपको कमाई के स्थान पर हानि का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए, अगर आप अच्छा रिटर्न पाना चाहते हैं तो आपको SIP में 3 से 5 साल तक इंतजार करना होगा।

आपको सुरक्षित बैंक FD में निवेश करना भी अच्छा विकल्प हो सकता है। इससे आपको 7 से 8% ब्याज मिलेगा और कोई नुकसान का खतरा नहीं होगा। आपको यह भी याद रखना चाहिए कि एजेंट के माध्यम से SIP प्लान में निवेश करते समय आपको अतिरिक्त कमीशन देना पड़ सकता है। इसलिए आपको अपनी निवेश विकल्पों के बारे में सावधानी से सोचना चाहिए।

यदि आपने किसी एजेंट के माध्यम से SIP प्लान में निवेश करना शुरू किया है और प्रत्येक महीने 5,000 रुपये निवेश कर रहे हैं, तो आपको अतिरिक्त रूप से कमीशन के रूप में लगभग 125 रुपये देने होंगे जो कि यह एजेंट आपको कभी नहीं बताएगा। आपको बताया जाएगा कि आपको केवल 5,000 रुपये ही निवेश करना है, अर्थात 25 महीनों में 1,20,000 रुपये। आप इस Game को इस तरह समझ सकते हैं:

  1. Monthly Investment = Rs 5,000 (5 plan selected)
  2. Commission / Charges = Rs 135 (Rs 27 from per plan, approx)
  3. Total Investment for 2 years = Rs 1,20,000
  4. Total Commission paid = Rs 3,240
  5. Investment via Trading Account: Rs 1,000 (AMC for 2 year)
  6. Total Amount Invested = Rs 1,24,240

सो इस हिसाब से आप Rs 4,240 extra pay कर रहे है  – यह खास कर तब होता है जब आप किसी agent के द्वारा SIP में investment करते हैं। 

एसआईपी में निवेश कैसे करें?

अपने निवेश लक्ष्य की पहचान करें:

सबसे पहले, आपको अपने फाइनेंसियल लक्ष्य की पहचान करनी चाहिए – चाहे वह अल्पकालिक, मध्यम अवधि या लंबी अवधि के लिए वेल्थ बनाना हो। फिर अपने लक्ष्य के अनुसार SIP के माध्यम से निवेश करना शुरू करें। याद रखें कि अगर आप लंबी अवधि के लिए एसआईपी से निवेश करते है तो आपको ज्यादा रिटर्न मिलेगा। 

सही म्यूचुअल फंड चुनें:

भारत में बहुत से म्यूच्यूअल फण्ड है इसलिए आपको वित्तीय लक्ष्यों के अनुरूप म्यूचुअल फंड को शॉर्टलिस्ट करना चाहिए, इसके लिए आप विभिन्न म्यूचुअल फंड की रिटर्न और जोखिम के आधार पर तुलना कर सकते है और एक सही म्यूचुअल फंड शॉर्टलिस्ट हो जाए तब आप उसमे एसआईपी के माध्यम से निवेश की शुरुआत कर सकते है। 

निवेश करना:

किसी भी म्यूचुअल फंड में निवेश करने से पहले आपको उस म्यूचुअल फंड के बारे में अच्छे से रिसर्च कर लेनी चाहिए उसके बाद ही आपको एक सूचित निर्णय लेना चाहिए, एक बार जब आप सही म्यूचुअल फंड का चुनाव कर लेते है तो आप शुरुआती समय में छोटी राशि के एसआईपी के साथ शुरुआत कर सकते है। 

इस प्रकार, एसआईपी न्यूनतम निवेश और अधिकतम रिटर्न देने बाला एक जरिया बन जायेगा। इसलिए अभी SIP में निवेश करें और बाद में रिटर्न प्राप्त करें!

निष्कर्ष 

अगर आप कोई नौकरी करते है या निवेश की शुरुआत करना चाहते है एसआईपी आपके लिए सबसे बेहतर बिकल्प है। आप अपने पैसे को अगर एक साथ निवेश करते है तो उसमे बहुत जोखिम होता है, लेकिन अगर आप एसआईपी के माध्यम से निवेश करते है तो धीरे – धीरे आपकी बचत करने की आदत बनेगी और लम्बी अवधि में आपको यह एक अच्छी वेल्थ बना कर देगा। 

हमें उम्मीद है कि SIP Meaning in Hindi लेख के माध्यम से आपको एसआईपी को समझने में मदद मिली होगीम लेकिन फिर भी आपका कोई सबाल है तो आप नीचे कमेंट कर सकते है। 

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