ANM Course Details in Hindi : ANM दो वर्षीय एक डिप्लोमा स्तरीय कोर्स है जो छात्रों को हेल्थकेयर स्किल्स जैसे कि मरीज की देखभाल और चाइल्ड हेल्थ आदि की समझ विकसित करने में मदद करता है। यह डिप्लोमा कोर्स करने के बाद उम्मीदवार विभिन्न हॉस्पिटल, हेल्थ क्लिनिक आदि में नर्स, स्टाफ नर्स हेल्थकेयर नर्स आदि के रूप में आसानी से एंट्री लेवल जॉब पा सकते है। 

अभी हम ANM Course Details in Hindi ब्लॉग में ANM कोर्स के प्रत्येक पहलु जैसे ANM क्या है, ANM का फुलफॉर्म, सिलेबस, योग्यता, एडमिशन प्रक्रिया, नौकरी के अवसर एंव सैलरी आदि के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे। 

कोर्स का नाम  ANM (ऑक्सीलियरी नर्स एंड मिडवाइफ)
कोर्स का प्रकार  डिप्लोमा 
अवधि  2 वर्ष
न्यूनतम योग्यता 12वी पास (न्यूनतम 50% अंक)
एडमिशन प्रक्रिया मेरिट या प्रवेश परीक्षा के आधार पर 
कोर्स फीस  10,000 से 1,00,000 रूपये प्रतिवर्ष
ANM सैलरी 2 से 4 लाख रूपये प्रतिवर्ष
नौकरी प्रोफाइल  नर्स, अस्सिस्टेंट नर्स, नर्सिंग टूटर, हेल्थकेयर नर्स, स्टाफ नर्स एवं ICU नर्स आदि
नौकरी के क्षेत्र अस्पताल, हेल्थकेयर इंडस्ट्री, विश्वविद्यालय, नर्सिंग होम, ओल्ड ऐज होम, NGOs

ANM Course Details in Hindi

ANM Full Form in Hindi: ANM का पूरा नाम ऑक्सीलियरी नर्स एंड मिडवाइफ है, इस नाम से आप अंदाजा लगा सकते है कि यह कोर्स नर्सिंग एजुकेशन के बारे में है। 

ANM Kitne Saal Ka Hai: ANM 2 साल का डिप्लोमा कोर्स है जिसके प्रत्येक वर्ष में 2 सेमेस्टर होते है। आसान शब्दों में कहे तो अगर आपने 50% अंको के साथ 12वीं पास कर लिया है तो आप ANM कोर्स में एडमिशन लेने के योग्य है।  

ANM Kya Hota Hai: यह एक डिप्लोमा स्तरीय कोर्स है जिसमें छात्र थ्रोटिकल और प्रैक्टिकल के साथ नर्सिंग और हेल्थ केयर से संबधित विभिन्न पहलुओं के बारे में विस्तारपूर्वक सीखते है। 

ANM Ki Fees Kitni Hai: ANM कोर्स की फीस संस्थान के आधार पर अलग – अलग हो सकती है, लेकिन उम्मीदवार आमतौर पर इसे 10 हजार से 1 लाख रूपये प्रति वर्ष की फीस में कर सकते है। 

ANM कोर्स करने का सबसे अच्छा फैसला होगा, अगर आप नर्सिंग के क्षेत्र में अपना भविष्य बनाना चाहते है। भारत में मेडिकल स्टाफ जैसे कि नर्स की आवश्यकता दिन व् दिन बढ़ती जा रही है इसलिए यह एक बेहतर करियर विकल्प हो सकता है, वशर्ते आप सच में नर्सिंग में करियर बनाना चाहते है। 

ANM कोर्स क्यों करें?

  • ANM एक डिप्लोमा स्तरीय प्रोफेशनल कोर्स है जिसे करने के बाद आप नर्सिंग की दुनिया में अपने करियर की शुरुआत कर सकते है और भारत के विभिन्न हॉस्पिटल, नर्सिंग होम आदि से काम की शुरुआत कर सकते है। 
  • जैसा कि पहले ही बताया गया है कि यह एक डिप्लोमा स्तरीय कोर्स है इसलिए अगर आप सिर्फ 12वीं के बाद ही नर्सिंग फील्ड में अपना करियर बनाना चाहते है तो यह एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है। 
  • यह एक ऐसा नर्सिंग कोर्स है जिसे करने के बाद आप आसानी से शुरुआती दौर में ही 10,000 से 20,000 रुपये की नौकरी पा सकते है। 

ANM कोर्स के लिए योग्यता क्या है? 

हालांकि प्रत्येक कॉलेज में ANM के लिए एडमिशन की योग्यता भिन्न हो सकती है लेकिन यहां आपको उस योग्यता की जानकारी दी गयी जिसे आमतौर पर ज्यातातर कॉलेज एंव विश्वविद्यालय द्वारा फॉलो किया जाता है, जो इस प्रकार है:

  • ANM कोर्स में एडमिशन की इच्छा रखने वाले उम्मीदवार ने किसी भी मान्यता प्राप्त संसथान से न्यूनतम 50% अंको के साथ 12वीं पास किया होना चाहिए। 
  • इस कोर्स में सभी स्ट्रीम जैसे कि साइंस, आर्ट्स या कॉमर्स आदि के छात्र एडमिशन के योग्य है। 
  • हालांकि भारत के कुछ कॉलेज एंव विश्वविद्यालय राज्य स्तर पर होने वाली प्रवेश परीक्षाओं के माध्यम से एडमिशन की अनुमति देते है, जो इसलिए प्रत्येक राज्य के लिए अलग – अलग प्रवेश परीक्षाएं हो सकती है।

ANM में एडमिशन कैसे होता है? 

आमतौर पर भारत के विभिन्न संस्थान मेरिट के आधार पर एडमिशन की अनुमति देते है, हालांकि कुछ कॉलेज एडमिशन के लिए छात्रों से प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण करने की मांग कर सकते है:

मेरिट के आधार पर: इस प्रक्रिया में छात्रों को कॉलेज जाकर ANM कोर्स के लिए आवेदन करना होता है, फिर कॉलेज आपके 12वीं में प्राप्त अंको के आधार पर ANM कोर्स में एडमिशन के लिए छात्रों का चयन करते है। 

प्रवेश परीक्षा के आधार पर: यह थोड़ी जटिल प्रक्रिया मानी जाती है  क्योंकि इसमें छात्रों को एडमिशन के लिए पहले प्रवेश परीक्षा को उत्तीर्ण करना अनिवार्य है और जो छात्र प्रवेश परीक्षा को उत्तीर्ण नहीं कर पाते हैं उन्हें एडमिशन की अनुमति दी जाती है, सिर्फ इतना ही नहीं, कॉलेज में प्रवेश परीक्षा उम्मीद करने के बाद इंटरव्यू प्रक्रिया से भी गुजरना पड़ता है।

ANM के क्या कार्य हैं?

ANM का काम मुख्य रूप से गांवों और छोटे शहरों में होता है. आइए जानें ANM क्या-क्या करती है:

डॉक्टर की सहायता करना: जब भी कोई डॉक्टर किसी मरीज का इलाज कर रहा होता है, तो ANM उनकी मदद करती है।

मरीजों की देखभाल: अस्पताल में भर्ती मरीजों की देखभाल करना ANM के ज़िम्मे होता है। दवाइयां देना, इंजेक्शन लगाना जैसा काम भी वही करती हैं।

रिकॉर्ड रखना: यह रिकॉर्ड रखती है कि मरीज को कौन सी दवा कब देनी है या कब इंजेक्शन लगाना है।

स्वच्छता का ध्यान रखना: अस्पताल के उपकरणों को साफ और सुथरा रखना भी ANM की ज़िम्मेदारी होती है।

टीकाकरण: सरकारी कार्यक्रमों के तहत बच्चों को पोलियो की दवा पिलाना और दूसरी बीमारियों के टीके लगाना ANM का काम है। यह काम वह गांवों और शहरों दोनों जगह करती हैं।