BCA Course Details in Hindi: बीसीए एक ग्रेजुएशन स्तर का कंप्यूटर एजुकेशन पार आधारित कोर्स है जिसे कोई भी कंप्यूटर या आईटी में रूचि रखने वाला उम्मीदवार 12वीं के बाद करने का विचार कर सकते है। इस कोर्स की अवधि 3 वर्ष है जिसमें 6 सेमेस्टर शामिल होते है। 

आजभी चलिए अभी इस लेख की मदद से BCA के बारे में सभी जानकारी को समझते है जैसे कि BCA Full Form in Hindi, BCA Kya Hai, BCA Ki Fees Kitni Hai और BCA Kitne Saal Ka Hai. तो इंतजार किस बात का, समझने का सिलसिला शुरू करते है…

कोर्स बीसीए
कोर्स का पूरा नाम  बैचलर्स ऑफ़ कंप्यूटर एप्लीकेशन
कोर्स स्तर ग्रेजुएशन
कोर्स स्ट्रीम साइंस
कोर्स अवधि  3 वर्ष
योग्यता  12वी + गणित
एडमिशन प्रक्रिया  मेरिट & प्रवेश परीक्षा के आधार पर 
कोर्स फीस 10,000 – 50,000 रूपये प्रति बर्ष
नौकरी  सिस्टम एनालिस्ट, सॉफ्टवेयर इंजीनियर, प्रोग्राम मैनेजर, वेब डिजाइनर, डेटाबेस इंजीनियर आदि 
वेतन  3 से 8 लाख रुपये प्रति वर्ष

BCA Course Details in Hindi

BCA Full Form in Hindi: बीसीए का पूरा नाम बैचलर ऑफ़ कंप्यूटर एप्लीकेशन है, इसलिए इस नाम से आप समझ सकते है कि यह कोर्स कंप्यूटर से संबधित है।

BCA Kya Hai: यह तीन साल का कोर्स है, जो आपको कंप्यूटर की दुनिया की बुनियादी बातों से लेकर एडवांस तकनीकों से परिचित कराता है। BCA कोर्स में आपको कई तरह के विषयों की पढ़ाई कराई जाती है, जो आपको भविष्य के लिए तैयार करते हैं। उदाहरण के लिए, इस कोर्स में आप फाउंडेशनल मैथ्स, सी प्रोग्रामिंग, स्टैटिस्टिक्स, सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग एवं सी++ प्रोग्रामिंग भाषा सीखते हैं। 

BCA Kitne Saal Ka Hai: बीसीए 3 साल का होता है जिसके प्रत्येक वर्ष में 2 सेमेस्टर होते है। अगर हम इसे आसान शब्दों में कहे तो 3 साल में आपको 6 सेमेस्टर पढ़ने को मिलेंगे। 

BCA Ki Fees Kitni Hai: बीसीए की फीस अलग – अलग कॉलेज एंव विश्वविद्यालय पर निर्भर करती है। अगर हम इसकी औसत फीस की बात करे तो 10,000 प्रति सेमेस्टर से 50,000 प्रति सेमेस्टर के बीच है। साथ ही अगर आप किसी सरकारी कॉलेज से BCA करने का विकल्प चुनते है तो आप इसे प्राइवेट कॉलेज की तुलना में काफी कम फीस में कर सकते है। 

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यह तो बीसीए कोर्स के कुछ ही विषय हैं। कुल मिलाकर, यह कोर्स आपको कंप्यूटर प्रोग्रामिंग, डेटाबेस मैनेजमेंट, वेब डेवलपमेंट, नेटवर्किंग जैसी कई महत्वपूर्ण विषयों की जानकारी देता है। इससे आप वेब डेवलपर, सॉफ्टवेयर टेस्टर, डेटा एनालिस्ट जैसी कई तरह की जॉब्स के लिए तैयार हो जाते हैं।

बीसीए कोर्स के लिए योग्यता 

बीसीए या बैचलर ऑफ कंप्यूटर एप्लीकेशन कोर्स में एडमिशन के लिए, ज्यादातर यूनिवर्सिटी एंव कॉलेज में गणित अनिवार्य विषय के साथ 10+2 (PCM) पास की योग्यता की उम्मीद की जाती है। साथ ही न्यूनतम आयु सीमा 17 साल रखी गई है। 

लेकिन ध्यान दें, कुछ कॉलेज अपने अनुसार अलग योग्यता मांग सकते हैं। इसलिए कोर्स में दाखिला लेने से पहले उसकी पूरी जानकारी प्राप्त कर लें।

बीसीए कोर्स के फायदे 

बीसीए कोर्स आपको कंप्यूटर के बारे में तीन साल सिखाता है जिससे आप तीन साल के बाद अपनी स्किल के आधार पर आईटी क्षेत्र में अपना भविष्य बना सकते है। 

सरकारी और प्राइवेट दोनों ही BCA ग्रेजुएट को आईटी क्षेत्र में नौकरी के अवसर देते है। 

BCA कोर्स सॉफ्टवेयर आधारित कोर्स है इसलिए आपको किसी हार्डवेयर आदि के बारे में चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है। 

BCA कोर्स करने के बाद आप एक डेवलपर बन जाते है जिसका मतलब है कि अगर आपके पास कोई ऐसा आईडिया है जिस पर व्यापार शुरू किया जा सकता है तो आप उस आईडिया को टेक्नोलॉजी की मदद से शुरू कर सकते हो। 

BCA Course Syllabus in Hindi 

बीसीए कोर्स का सिलेबस 6 सेमेस्टर में पूरा किया जाता है, जिसमें प्रत्येक बर्ष में दो सेमेस्टर होते है। उम्मीदवार को प्रत्येक सेमेस्टर पास करना अनिवार्य है। बीसीए कोर्स के सिलेबस में ऊपर बताये गए विषय शामिल जाते है। 

बीसीए कोर्स का सिलेबस कॉलेज व कॉलेज भिन्न हो सकता है, लेकिन अनिवार्य विषय सभी कॉलेज में एक जैसे ही रहता है जबकि वैकल्पिक विषय पत्येक कॉलेज के अलग – अलग हो सकते है। अभी हम BCA कोर्स के तीनो बर्ष के सिलेबस पर नजर डालते है:

प्रथम वर्ष सिलेबस: बीसीए कोर्स के प्रथम बर्ष में दो सेमेस्टर होते है जिनमे से पहले सेमेस्टर में प्रोग्रामिंग, डिजिटल इलेक्ट्रॉनिक्स, गणित और फंडामेंटल इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी आदि विषय होते है, जबकि दुसरे सेमेस्टर में एडवांस प्रोग्रामिंग, कंप्यूटर हार्डवेयर, ग्राफ थ्योरी, वैल्यूज एंड एथिक्स और सिस्टम एनालिसिस आदि विषय शामिल होते है। 

द्रितीय बर्ष सिलेबस: बीसीए कोर्स के द्रितीय बर्ष में भी दो सेमेस्टर होते है जिन्हे सेमस्टर – 3 और सेमेस्टर – 4 के नाम से जान जाता है। जिनमे सेमस्टर – 3 में कंप्यूटर आर्गेनाइजेशन, ऑपरेटिंग सिस्टम, वेब, लिनक्स और डाटा स्ट्रक्चर आदि विषय होते है, जबकि सेमेस्टर – 4 में कंप्यूटर नेटवर्क, डेटाबेस मैनेजमेंट, वेब डिजाइनिंग और सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग आदि विषय शामिल होते है। 

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तृतीय बर्ष सिलेबस: बीसीए कोर्स के तृतीय बर्ष में भी दो सेमेस्टर होते है जिन्हे सेमस्टर – 4 और सेमेस्टर – 6 के नाम से जान जाता है। जिनमे सेमस्टर – 5 में जावा के साथ ऑब्जेक्ट ओरिएंटेड प्रोग्रामिंग, वैकल्पिक विषय – 1, ई-कॉमर्स, वैकल्पिक विषय – 2 और डिजिटल मार्केटिंग विषय होते है। जबकि सेमेस्टर – 6 में आपके प्रोजेक्ट कराये जाते है जो कि समय से पहले जमा करने होते है। 

बीसीए के बाद करियर विकल्प 

कंप्यूटर के क्षेत्र में बीसीए ग्रेजुएट्स के लिए सरकारी और प्राइवेट सेक्टर में बहुत से अवसर मौजूद है। जिनमे आप अपनी स्किल्स और अनुभव के आधार पर आसानी से नौकरी पा सकते हो। BCA ग्रेजुएट्स के लिए नौकरी के अवसर लगातार बढ़ते जा रहे है, क्योंकि आईटी क्षेत्र बहुत तेजी से बढ़ रहा है। 

वह उम्मीदवार जिसने किसी बेहतर कॉलेज या यूनिवर्सिटी से अपना बीसीए पूरा किया है वह चीफ इनफार्मेशन ऑफिसर, कंप्यूटर प्रोग्रामर, कंप्यूटर साइंटिस्ट, कंप्यूटर सिस्टम एनालिस्ट और सॉफ्टवेयर डेवलपर आदि के रूप में किसी भी आईटी कंपनी में नौकरी कर सकते है। 

वह उम्मीदवार जो सरकारी कंपनियों या नौकरी में आवेदन करना चाहते है वह बीसीए पूरा करने के बाद कर सकते है। बीसीए करने के बाद आप  क्लर्क, नेवी, आर्मी, आईएएस, आईपीएस और सीबीआई की की परीक्षा पास कर इन पदों काम कर सकते है।